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JPSC Civil Judge Bharti Syllabus 2023 | झारखंड सिविल जज भर्ती का सिलेबस जारी, अभी डाउनलोड करें

JPSC Civil Judge Bharti Syllabus 2023 झारखण्ड लोक सेवा आयोग (JPSC) द्वारा सिविल जज पदों के लिए झारखंड सिविल जज भर्ती सिलेबस 2023 अधिसूचना जारी किए गए है. इच्छुक उम्मीदवार झारखंड सिविल जज भर्ती सिलेबस 2023 से संबंधित परीक्षा पैटर्नओल्ड पेपर व महत्वपूर्ण तारीख ,झारखंड सिविल जज भर्ती सिलेबस से जुड़े समस्त जानकरी इस पोस्ट में प्राप्त कर सकते हैं.

झारखंड सिविल जज भर्ती सिलेबस 2023 डाउनलोड पीडीऍफ़ के लिए लिंक विवरण, सबसे अच्छी किताब, परीक्षा स्तर, केंद्र आदि की गहन अध्ययन करके परीक्षार्थी झारखण्ड लोक सेवा आयोग (JPSC)  की आधिकारिक वेबसाइट jpsc.gov.in से झारखंड सिविल जज भर्ती सिलेबस 2023 एडमिट कार्ड 2023 ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे.

JPSC Civil Judge Bharti Syllabus 2023 |

JPSC Civil Judge Bharti Syllabus 2023 – अधिसूचना का विवरण

विभाग का नामझारखण्ड लोक सेवा आयोग (JPSC)
परीक्षा का नाम झारखंड सिविल जज भर्ती 2023
कार्य क्षेत्रझारखण्ड
परीक्षा माध्यमऑफलाइन लिखित
पद का नामसिविल जज
आधिकारिक वेबसाइटjpsc.gov.in

झारखंड उच्च न्यायालय सिविल जज चयन प्रक्रिया

  1. सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (Civil Services Preliminary Examination): सिविल जज के पद के लिए चयन की प्रारंभिक चरण परीक्षा होती है जिसे भारतीय न्यायिक सेवा प्रारंभिक परीक्षा कहा जाता है। यह परीक्षा आवेदकों की सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन, और विविध विषयों में उनकी अच्छी तैयारी की जांच करती है।
  2. सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (Civil Services Main Examination): उन उम्मीदवारों को चुना जाता है जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास की है। मुख्य परीक्षा कई विषयों में चर्चा करती है और उम्मीदवारों की न्यायिक ज्ञान, विचार, और कौशल को मूल्यांकन करती है।
  3. व्यक्तिगतिक परीक्षा (Personality Test): उन उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण किया जाता है जो व्यक्तिगतिक परीक्षा के लिए चयनित होते हैं। यह एक साक्षात्कार होता है जिसमें उम्मीदवारों की व्यक्तिगतिक योग्यता, न्यायिक दृष्टिकोण, और अन्य कौशलों का मूल्यांकन किया जाता है।
  4. चयन सूची (Merit List): सभी चरणों के परिणामों के आधार पर चयन सूची तैयार की जाती है, और सफल उम्मीदवारों को सिविल जज के पद के लिए चयन किया जाता है।
  5. प्रशासनिक और विधिक प्रक्रिया (Administrative and Legal Process): चयनित उम्मीदवारों को सिविल जज के पद पर नियुक्ति दी जाती है, और उन्हें उच्च न्यायालय के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार काम करना होता है।

जेपीएससी सिविल जज प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न

पेपर पैटर्न: सिविल जज प्रारंभिक परीक्षा आमतौर पर दो पेपरों (पेपर I और पेपर II) में आयोजित होती है। ये पेपर बहुविकल्पीय (Multiple Choice Questions) प्रारूप में होते हैं।

पेपर I – सामान्य अध्ययन:

  1. सामान्य अध्ययन: इस विषय में, आपको भारतीय इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता, और सामान्य विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  2. सामान्य ज्ञान: इस विषय में, आपको विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह विषय परीक्षा के सामान्य ज्ञान से संबंधित होता है, जैसे कि वर्तमान घटनाएं, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और सामाजिक मुद्दे।
  3. सामान्य अंग्रेजी: आमतौर पर, इसमें अंग्रेजी भाषा के सामान्य स्तर के प्रश्न शामिल होते हैं, जैसे कि व्याकरण, सामान्य शब्दावली, और पढ़ाई के लिए सामान्य साहित्य।
  4. विशेष विषय: इसमें न्यायिक साहित्य, न्यायिक तत्व, न्यायिक प्रक्रिया, और अन्य न्यायिक विषयों से संबंधित प्रश्न शामिल हो सकते हैं।क्योंकि यह विषय परीक्षा के सामान्य ज्ञान से संबंधित होता है, जैसे कि वर्तमान घटनाएं, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और सामाजिक मुद्दे।
  5. सामान्य अंग्रेजी: आमतौर पर, इसमें अंग्रेजी भाषा के सामान्य स्तर के प्रश्न शामिल होते हैं, जैसे कि व्याकरण, सामान्य शब्दावली, और पढ़ाई के लिए सामान्य साहित्य।
  6. विशेष विषय: इसमें न्यायिक साहित्य, न्यायिक तत्व, न्यायिक प्रक्रिया, और अन्य न्यायिक विषयों से संबंधित प्रश्न शामिल हो सकते हैं।

पेपर II – न्यायिक ज्ञान:

  1. सामान्य अध्ययन: इस विषय में, आपको भारतीय इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता, और सामान्य विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  2. सामान्य ज्ञान: इस विषय में, आपको विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह विषय परीक्षा के सामान्य ज्ञान से संबंधित होता है, जैसे कि वर्तमान घटनाएं, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और सामाजिक मुद्दे।
  3. सामान्य अंग्रेजी: आमतौर पर, इसमें अंग्रेजी भाषा के सामान्य स्तर के प्रश्न शामिल होते हैं, जैसे कि व्याकरण, सामान्य शब्दावली, और पढ़ाई के लिए सामान्य साहित्य।
  4. विशेष विषय: इसमें न्यायिक साहित्य, न्यायिक तत्व, न्यायिक प्रक्रिया, और अन्य न्यायिक विषयों से संबंधित प्रश्न शामिल हो सकते हैं।
  • पॉजिटिव मार्किंग: आमतौर पर, जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पॉजिटिव मार्किंग का प्रवाद होता है, यानी कि सही उत्तर को गलत उत्तरों के लिए कटौती नहीं की जाती है।
  • कटौती अंक: अधिसूचित अंकों के आधार पर, उम्मीदवारों को पास होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  • पासिंग मार्क्स: जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अलग-अलग कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम पासिंग मार्क्स होते हैं, जिन्हें प्राप्त करना आवश्यक होता है।

जेपीएससी सिविल जज मुख्य परीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्वीकरण और सतत विकास
पैटर्न

पेपर 1 – सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी, (i) सामान्य हिंदी, और (ii) सामान्य अंग्रेजी, प्रत्येक 50 अंकों के दो अलग-अलग खंड हैं।

  1. व्याकरण (Grammar): वाक्य रचना, भाषा के नियम, संख्या वचन, कारक, और अन्य व्याकरणिक विषयों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  2. शब्दावली (Vocabulary): सामान्य अंग्रेजी और हिंदी भाषा में शब्दों के अर्थ, पर्यायवाची, और विपर्यय के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  3. भाषा कौशल (Language Skills): भाषा कौशल के प्रश्न में सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी के पाठ्यक्रम से संबंधित होते हैं, जैसे कि पढ़ाई के लिए सामान्य साहित्य और उपन्यास, अद्भुत उपमा, और वार्तालाप।
  4. अनुवाद (Translation): इसमें दी गई पाठों को एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करने के प्रश्न हो सकते हैं, जिससे आपकी भाषा कौशल की जांच होती है।
  5. भाषा अधिगम (Language Comprehension): आपको दिए गए पाठों को समझने और उनके बारे में प्रश्नों का उत्तर देने की कौशल की जांच की जा सकती है।


पेपर 2 – भाषा और साहित्य: इस पेपर के तहत, प्रत्येक उम्मीदवार को आयोग द्वारा सूचीबद्ध पंद्रह में से एक भाषा और साहित्य का विकल्प चुनना होगा।

  1. भाषा व्याकरण (Language Grammar): इसमें भाषा के व्याकरणिक नियम, वाक्य रचना, संख्या वचन, कारक, उपसर्ग-प्रत्यय, संज्ञा, क्रिया, विशेषण, क्रिया विशेषण, और अन्य भाषा के नियमों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
  2. शब्दावली (Vocabulary): इसमें भाषा के शब्दों के अर्थ, पर्यायवाची, और विपर्यय के प्रश्न हो सकते हैं।
  3. साहित्यिक अनुवाद (Literary Translation): इसमें दिए गए साहित्यिक पाठों को एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करने के प्रश्न हो सकते हैं।
  4. भाषा अधिगम (Language Comprehension): इसमें दिए गए पाठों को समझकर प्रश्नों का उत्तर देने की कौशल की जांच होती है।
  5. साहित्य और सांस्कृतिक ज्ञान (Literature and Cultural Knowledge): यह शामिल करता है साहित्य, कविता, उपन्यास, और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रमुख काव्यों और लेखकों के बारे में ज्ञान।


पेपर 3 -सामाजिक विज्ञान, जिसमें (i) इतिहास (ii) भूगोल पर दो अलग-अलग खंड हैं, प्रत्येक का महत्व समान है।

  1. सामाजिक और ऐतिहासिक घटनाएं: इसमें उम्मीदवारों के सामाजिक और ऐतिहासिक ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे कि भारतीय और विश्व इतिहास, समाजशास्त्र, और आर्थशास्त्र।
  2. संविधानिक न्याय (Constitutional Law): संविधानिक न्याय के संबंधित प्रश्न शामिल हो सकते हैं, जैसे कि भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद और मुद्दे।
  3. आर्थिक और सामाजिक मुद्दे: इसमें आर्थिक प्रवृत्तियों, सामाजिक समस्याओं, और राजनीतिक मुद्दों के प्रश्न हो सकते हैं।
  4. सामाजिक समाजशास्त्र (Sociology): उम्मीदवारों से सामाजिक समाजशास्त्र से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जैसे कि समाज की रचना, संरचना, और विकास।
  5. समाजशास्त्रीय अध्ययन (Social Studies): यह विषय अक्सर भारतीय समाज, संगठन, और सामाजिक बदलाव के प्रश्नों को शामिल करता है।
  6. सामाजिक और राजनीतिक समस्याएं (Social and Political Issues): इसमें उम्मीदवारों को सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना हो सकता है।


अध्याय 4 – भारतीय संविधान और राजनीति, लोक प्रशासन और सुशासन।

  1. भारतीय संविधान (Indian Constitution): इसमें आपको भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद, संविधानिक संरचना, मौलिक अधिकार, भाषाओं के अधिकार, और भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण विषयों के बारे में प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  2. राजनीति और शासन (Politics and Governance): यह शामिल करता है भारतीय राजनीति, सरकारी प्रक्रिया, राज्य सरकारों का संरचना, और भारतीय शासन के मुद्दों पर प्रश्न।
  3. लोक प्रशासन (Public Administration): इसमें सरकारी प्रशासन, सार्वजनिक प्रशासन, और प्रबंधन से संबंधित प्रश्न हो सकते हैं।
  4. सुशासन (Governance): सुशासन के मुद्दों, सरकारी योजनाओं, और सरकार के प्रशासनिक कार्यों के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।
  5. समाजशास्त्र (Sociology): समाजशास्त्र से संबंधित प्रश्न, जैसे कि समाज की रचना, संरचना, और विकास पर प्रश्न हो सकते हैं।
  6. राजनीतिक दरबार और कानून (Political Courts and Laws): यह शामिल करता है कि जांच और कानूनी प्रक्रियाएँ कैसे काम करती हैं और कानून के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  7. सामाजिक और आर्थिक मुद्दे (Social and Economic Issues): इसमें उम्मीदवारों को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना हो सकता है।


अध्याय 5 – : भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्वीकरण और सतत विकास


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  1. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy): इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था, आर्थिक प्रवृत्तियां, और सरकारी आर्थिक नीतियों पर प्रश्न हो सकते हैं।
  2. वैश्वीकरण (Globalization): वैश्वीकरण के प्रभाव, विश्व व्यापार, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रश्न हो सकते हैं।
  3. सतत विकास (Sustainable Development): सतत विकास के सिद्धांत, प्रशासनिक कदम, और पर्यावरण संरक्षण के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।
  4. विश्व अर्थव्यवस्था (World Economy): विश्व अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न हो सकते हैं, जैसे कि विश्व वाणिज्य और अर्थव्यवस्था के अंतरराष्ट्रीय मुद्दे।
  5. आर्थिक नीतियाँ (Economic Policies): भारत और विश्व भर में आर्थिक नीतियों के प्रश्न हो सकते हैं।
  6. वित्तीय व्यवस्था (Financial System): बैंकिंग, वित्तीय बाजार, और वित्तीय प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर प्रश्न हो सकते हैं।
  7. अर्थशास्त्रीय दरबार और व्यावसायिक विधिक (Economic Courts and Commercial Laws): आर्थिक विवादों, व्यवसायिक उद्यम, और वित्तीय नियमों पर प्रश्न हो सकते हैं।


अध्याय 6 – सामान्य विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी विकास

  1. सामान्य विज्ञान (General Science): इसमें विज्ञान के बेसिक अवधारणाओं, फिजिक्स, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, और खगोल विज्ञान के प्रश्न हो सकते हैं।
  2. पर्यावरण और स्थायिता (Environment and Sustainability): इसमें पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के मुद्दों पर प्रश्न हो सकते हैं।
  3. प्रौद्योगिकी और विकास (Technology and Development): यह शामिल करता है प्रौद्योगिकी के प्रयोग, विकास के प्रमुख क्षेत्र, और तकनीकी उन्नति के मुद्दे।
  4. विज्ञान और समाज (Science and Society): इसमें विज्ञान के सामाजिक और नैतिक प्रभाव, वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न हो सकते हैं।
  5. वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): इसमें वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रक्रिया, विज्ञानिक आविष्कार, और विज्ञानिक संशोधन के प्रश्न शामिल हो सकते हैं।

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आवश्यक निर्देश : झारखंड सिविल जज भर्ती से जुड़े संबंधित जानकारी हेतु विभाग के द्वारा जारी ऑफिशियल नोटिफिकेशन PDF  पढ़े जिसका लिंक ऊपर दिए है भर्ती से जुड़े कोई सवाल है तो आप कमेंट करके भी पूछ सकते है इस रोजगार को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें जॉब दिलाने में उनका मदद करें.

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