CG Forest Ranger Syllabus in Hindi छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग में रिक्त सहायक वन संरक्षक व क्षेत्रपाल पदों पर भर्ती हेतु छत्तीसगढ़ वन सेवा (संयुक्त) परीक्षा 2020 आयोजित की जा रही है इस परीक्षा के अंतर्गत लिखित परीक्षा प्रथम चरण व द्वितीय चरण होगा और अंतिम चरण में साक्षात्कार के रूप में संपन्न होगा।

Forest Ranger Officer Kaise Bane छत्तीसगढ़ वन सेवा संयुक्त परीक्षा 2020 से जुड़े समस्त जानकारी नीचे आप इस पोस्ट में जानकारी ले सकते हैं कि परीक्षा की तैयारी कैसे करें किस तरह से आप तैयारी कर सकते हैं “एंडू जंक्शन” की बुक आपके परीक्षा के तैयारी को और बेहतर बना सकता है। अगर आप छत्तीसगढ़ फारेस्ट रेंजर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो आप एक बार जरूर एंडू जंक्शन जरूर पढ़ें।
शैक्षणिक योग्यता : छत्तीसगढ़ वन सेवा (संयुक्त) परीक्षा 2020 के अंतर्गत अभ्यर्थी को जीव विज्ञान , भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान में से कम – कम एक विषय के साथ हायर सेकेंडरी परीक्षा या इसके समकक्ष उत्तीर्ण होना चाहिए इसके अलावा अभ्यार्थी को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कृषि वनस्पति शास्त्र , कंप्यूटर अनुप्रयोग , विज्ञान पर्यावरण , वाणिज्य विज्ञान , भूविज्ञान ,बागवानी गणित ,भौतिक शास्त्र , पशु विज्ञान , प्राणी शास्त्र में कम से कम एक विषय के साथ स्नातक या समकक्ष अहरर्ता यांत्रिकी तकनीकी किसी भी एक शाखा विषय में स्नातक किया समकक्ष होना चाहिए।
आयु सीमा : अभ्यार्थी का आयु 1 जनवरी 2020 की स्थिति में कम से कम 21 वर्ष से कम ना हो और अधिकतम 30 वर्ष से अधिक ना हो साथ ही साथ छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी होना भी अनिवार्य है विभाग के द्वारा आयु सीमा में छूट भी दी जा सकती है।
अभ्यर्थी यदि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग गैर क्रीमी लेयर का है और साथ ही बाहर राज्य का मूल निवासी है तो उसे अधिकतम आयु वर्ष में 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थानीय निवासी महिला के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष तक की छूट होगी।

एग्जाम पैटर्न : वन रेंजर ऑफिसर भर्ती परीक्षा यह दो चरण में आयोजित की जाएगी जहां प्रथम चरण लिखित परीक्षा के रूप में तथा द्वितीय चरण साक्षात्कार के रूप में संपन्न होता है।
लिखित परीक्षा : लिखित परीक्षा प्रथम चरण में आयोजित की जाएगी जिसके तहत दो प्रश्न पत्र होते हैं जहां प्रथम प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन भाषा हिंदी अंग्रेजी एवं छत्तीसगढ़ एवं बुद्धिमता परीक्षण विश्लेषणात्मक योग्यता तथा द्वितीय प्रश्न पत्र विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण का होता है।
भाग 1- सामान्य अध्ययन
- छत्तीसगढ़ का इतिहास एवं स्वतंत्रता आन्दोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान।
- छत्तीसगढ़ का भूगोल, जलवायु, भौतिक दशाएं, जनगणना, पुरातात्विक एवं पर्यटन केन्द्र।
- छत्तीसगढ़ का साहित्य, संगीत, नृत्य कला एवं संस्कृति, जनऊला, मुहावरे, हाना एवं लोकोक्तियां।
- छत्तीसगढ़ की जनजातियां, विशेष परंपराए, तीज एवं त्योहार।
- छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, वन एवं कृषि।
- छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढाँचा, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज।
- छत्तीसगढ़ की समसामायिक घटनायें।
भाग 2- भाषा हिन्दी, अंग्रेजी एवं छत्तीसगढी
(1). सामान्य हिन्दी – भाषा-बोध, संक्षिप्त लेखन,पर्यायवाची एवं शब्द विलोम, सम्मोच्चरित शब्दों के अर्थ भेद, वाक्यांश के लिये एक सार्थक शब्द, संधि एवं संधि- विच्छेद, सामासिक पदरचना, एवं समास विग्रह, तत्सम, तद्भव शब्द, शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्धि, उपर्सग एवं प्रत्यय, मुहावरे एवं लोकाक्तियां अर्थ एवं प्रयोग पत्र लेखन। हिन्दी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन एव नामकरण, छत्तीसगढ़ के साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं।
छत्तीसगढी भाषा – छत्तीसगढी भाषा का ज्ञान,छत्तीसगढी भाषा का विकास और इतिहास, छत्तीसगढी भाषा का साहित्य एवं प्रमुख साहित्यकार, छत्तीसगढी का व्याकरण, हिन्दी से छत्तीसगढी और छत्तीसगढी से हिन्दी प्रशासनिक शब्दकोष।
भाग 3- बुद्धिमत्ता परीक्षण, विश्लेषणात्मक एव तार्किक योग्यता –
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल।
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता।
- निर्णय, निर्माण और समस्या निवारण।
- सामान्य मानसिक योग्यता
मूल संख्यात्मक कार्य (सामान्य गणितीय कौशल) ( स्तर-कक्षा दसवीं) आकडों की व्याख्या (चार्ट, रेखांकन तालिकाएं, आकडां की पर्याप्तता इत्यादि ) ( स्तर-कक्षा दसवीं )।
प्रश्न पत्र -2
भाग-1- विज्ञान, प्रौद्योगिक एवं पर्यावरण
(1). रसायन विज्ञान
रसायन विज्ञान रासायनिक अभिक्रिया की दर एव रासायनिक साम्य, – रसायन विज्ञान रासायनिक अभिक्रिया का प्रारम्भिक ज्ञान, तीव्र एवं मंद रासायनिक अभिक्रियायें।, उत्क्रमणीय एव अनुत्क्रमणीय रासायनिक अभिक्रियायें , रासायनिक साम्य गतिक प्रकृति, अम्ल एवं क्षार, पी0 एच0 पैमाना (सरल आंकिक प्रश्न) उष्मा क्षेपी एव उष्माशोषी अभिक्रियायें। कुछ महत्वपूर्ण रासायनिक यौगिक, गुण एव उपयोग, बनाने की विधि, उत्पादन(जल, कपडे धोने का सोडा , खाने का सोडा, विरंजक चूर्ण एवं प्लास्टर ऑफ पेरिस) भवन निर्माण संबंधी कुछ पदार्थों का निर्माण, चूना, सीमेंट कांच, इस्पात, । धातुएं, आवर्त सारणी में धातुओं की स्थिति एवं धातु खनिज,खनिज और अयस्क में अंतर। धातुकर्म, अयस्कों का सांद्रण, निस्तापन, भर्जन, प्रगलन एवं शोधन, कॉपर एवं आयरन का धातु कर्म, धातुओं का संक्षारण, मिश्र धातुएं। अधातुएं , आर्वत सारणी में अधातुओं की स्थ्ति एवं सामान्य गुण, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन एव आक्सीजन की प्रयोगशाला विधि गुण एव उपयोग। कुछ महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक, एल्कोहल एवं एसिटिक अम्ल बनाने की प्रयोगशाला विधि,गुण एवं अनुप्रयोग कुछ सामान्य क्रत्रिम बहुलक, पॉलीथीन , पॉली विनाइल क्लोराइड, टेकलान, साबुन एवं अपमार्जक।
(2). भौतिक विज्ञान : ऊर्जा के स्त्रोत- ऊर्जा के नवीन स्त्रोत एवं पारंपरिक स्त्रोत सौर ऊर्जा का स्त्रोत, सूर्य में ऊर्जा उत्पत्ति के कारण, सौर तापन युक्तियां , पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा, बायोगैस एवं जीवाश्म ईंधन, ईधन के गुणधर्म, नाभिकीय ऊर्जा नाभिकीय विखण्डन, संलयन, श्रृंखला अभिक्रिया, नाभिकीय रियेक्टर,नाभिकीय ऊर्जा के लाभ व हानियां।
प्रकाश – प्रकाश की प्रकृति, प्रकाश का परावर्तन, परावर्तन के नियम,समतल एवं वक्र सतह के परावर्तन के नियम, उत्तल एवं अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब संरचना, फोकसदूरी, वक्रता त्रिज्या में संबंध, एक पिन विधि द्वारा अवतल दर्पण की फांकस दूरी ज्ञात करना,U-v-f में संबंध ज्ञात करना।
प्रकाश का अपवर्तन – अपवर्तन के नियम काँच के गुटके द्वारा अपवर्तन, क्रांतिक कोण, पूर्ण क्रांतिक परिवर्तन, परावर्तन का दैनिक जीवन में उपयोग। लैंस(अभिसारी तथा अपसारी लेंस) परिभाषा फोकस दूरी, प्रकाशिक केन्द्र, लेन्स द्वारा प्रतिबिम्ब संरचना, मानव नेत्र इसके दोष एवं निराकरण, फोटो ग्राफिक लेंस और मानव नेत्र में तुलना, सरल सूक्ष्मदर्शी तथा खगोलीय दूरदर्शी बनावट उपयोग एवं कार्यविधि किरण आरेख (सूत्र की स्थापना नहीं)।
विद्युत एवं इसके प्रभाव- विद्युत तीव्रता, विभव विभवान्तर विद्युत धारा ओहम का नियम, प्रतिरोध, विशिष्ट प्रतिरोध, प्रभावित करने वाले कारक, प्रतिरोधों का संयोजन, ,एवं इसके अांकिक प्रश्न, विधुतधारा का उष्मीय प्रभाव,इसकी उपयोगिता एवं शक्ति, विद्युत ऊर्जा व्यय की गणना (आंकिक) विद्युत प्रयोग में रखी जाने वाली सावधानियां , विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव, प्राथमिक ,द्वितीयक सेल, इनके गुण-दोष लेकलांशी सेल, शुष्क सेल, सीसा संचायक सेल बनावट।
विद्युतधारा के चुम्बकीय प्रभाव : विद्युतधारा के चुम्बकीय प्रभाव , ओर्स्टेड का प्रयोग, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण, विद्युत मोटर, जनित्र की कार्यप्रणाली, सिद्धांत एवं उपयोग, प्रत्यावर्ती धारा एवं दिष्ट धारा का सामान्य अध्ययन। गैसों में विद्युत विर्सजन, विर्सजन नलिका, कैथोड किरणें, एक्स-किरणें एवं इनके गुणधर्म।
चुम्बकत्व – चुम्बकत्व एवं इसके प्रकार, कृत्रिम चुम्बक, चुम्बक बनाने की विधियॉं, चुम्बकत्व का आण्विक सिद्धांत, चुम्बकीय विनाश, चुम्बकीय रक्षक, चुम्बकीय बल रेखायें एव उनके गुण तथा बल रेखायें खींचना।भू- चुम्बकत्व -भू-चुम्बकत्व , चुम्बकीय तूफान, चुम्बकीय भौगोलिक याम्योत्तर V.H., I , एवं Fy में संबंध।
(3). जीव विज्ञान :
जन्तुपोषण- पोषण के प्रकार स्वपोषी, विषमपोषी, मृतोपजीवी, प्राणिसम भोजी तथा परजीवी।
प्राणीसम भोजी, पोषण प्रक्रिया के प्रमुख पद। एक कोशिकीय जीव (अमीबा) एवं बहुकोशिकीय जीव (टिड्डा) में पाचन। मनुष्य का पाचन तंत्र एवं पाचन प्रक्रिया।
प्रकाश-संश्लेषण – परिभाषा प्रक्रिया के प्रमुख पद , प्रकाश अभिक्रिया एव अंधकार अभिक्रिया प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक एवं प्रकाश-संश्लेषण संबंधी प्रयोग।
श्वसन – परिभाषा जीव के श्वसन अंग , श्वसन एवं श्वासोच्छवास श्वसन के प्रकार, ऑक्सी श्वसन, अनॉक्सी श्वसन, मनुष्य का श्वसन तंत्र एवं श्वसन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) श्वसन गुणांक (आर,ओ) कार्बोहाइड्रेट वसा एवं प्रोटीन का।
परिवहन – पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन, जंतुओं में परिवहन ( मानव के संदर्भ में) रूधिर की संरचना तथा कार्य ह्दय की संरचना तथा कार्यविधि रूधिर वाहिनियों की संरचना तथा कार्य ( प्रारम्भिक ज्ञान) रूधिर का थक्का बनना, रूधिर समूह, रूधिर आद्यान, रूधिर बैंक, लसीका तंत्र के कार्य। ह्दय से संबंधित रोग।
उर्त्सजन – पौधों में उत्सर्जन एवं उत्सर्जी पदार्थ जंतुओं में उर्त्सजन एव उत्सर्जी अंग, मानव में उत्सर्जन तंत्र एव उर्त्सजन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) कृत्रिम वृक्क ( डायलिसिस ) परासरण नियंत्रण वृक्क से संबंधित रोग।
नियंत्रण एव समन्वय – पौधे एवं जन्तुओं में समन्वय पादप हार्मोन , मनुष्य का तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क की संरचना एवं कार्य, मेरूरज्जू की संरचना एवं कार्य प्रतिवर्ती क्रिया, अंतः स्त्रावीग्रंथियां हार्मोन एवं कार्य। प्रजनन एवं वृद्धि- प्रजनन के प्रकार, अलैंगिक प्रजनन, विखण्डन मुकुलन एवं पुनरूद्भवन, कृत्रिम वर्धी प्रजनन, स्तरीकरण, कलम लगाना, ग्राफिटिंग, अनिषेक प्रजनन, पौधो में लैंगिक प्रजनन अंग (पुष्प) की संरचना एवं प्रजनन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) परागण, निषेचन। मानव प्रजनन तंत्र तथा प्रजनन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) अनुवांशिकी एवं विकास- अनुवांशिकी एवं भिन्नताएं, अनुवांशिकता का मूल आधार गुण सूत्र एवं डी0एन0ए0 (प्रारम्भिक जानकारी) जीन, लिंग निर्धारण, कार्बनिक विकास का प्रारम्म्भिक ज्ञान ( केबल ओपेरिन का सिद्धांत)।
(4). प्राद्योगिकी : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की राष्ट्रीय नीति एवं नीतियों में समय-2 पर होने वाले परिवर्तन , प्रौद्योगिकी के उद्देश्य। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एवं प्रौद्योगिकी , कृषि व अन्य ग्राम्य विकास कार्य – कलाप के विशेष संदर्भ में इसके अनुप्रयोग, इन्सेट, आई0आर0 एस0 तंत्र। ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका, कम्प्यूटर का आधारभूत ज्ञान, संचार एवं प्रसारण में कम्प्यूटर के आर्थिक वृद्धि हेतु सॉफ्टवेयर का विकास, आई0टी0 के वृहद अनुप्रयोग। ऊर्जा संसाधन-ऊजा की मांग, नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत, नाभिकीय ऊर्जा का देश में विकास की उपयोगिता। भारत में वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, कृषि का उद्भव एवं कृषि विज्ञान में प्रगति एवं उसके प्रभाव, भारत में फसल विज्ञान उर्वरक, कीट नियंत्रण एवं भारत में रोगों का परिदृश्य।
(5). पर्यावरण :
जैव विविधता एवं उसका संरक्षण – सामान्य परिचय- परिभाषा, अनुवांशिक प्रजाति एवं पारिस्थितिकी तंत्रीय विविधता भारत का जैव- भौगोलिक वर्गीकरण। जैव विविधता का महत्व- विनाशकारी उपयोग, उत्पादक उपयोग, सामाजिक नैतिक , वैकल्पिक दृष्टि से महत्व। विश्व स्तरीय जैव विविधता, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर की जैव विविधता भारत एक वृह्द विविधता वाले राष्ट्र के रूप में जैव विविधता के तप्त स्थल। जैव विविधता को क्षति-आवासीय, क्षति, वन्य जीवन को क्षति, मानव एवं वन्य जन्तु संघर्ष। भारत की संकटापन्न ( विलुप्त होती) एवं स्थानीय प्रजातियां । जैव विविधता का संरक्षण-अंस स्थ्तिक एवं संसस्थ्तिक संरक्षण।
पर्यावरण प्रदूषण – कारण, प्रभाव एवं नियत्रण के उपाय- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, समुद्रीय प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, नाभिकीय प्रदूषण। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन-नगरीय एवं औद्योगिक ठोस कूडे- करकट का प्रबंधनः कारण, प्रभाव, नियंत्रण। प्रदूषण के नियंत्रण में व्यक्ति की भूमिका। आपदा प्रबंधनः बाढ़, भूकम्प, चक्रवात एवं भू-स्खलन। मानव जनसंख्या एवं पर्यावरण। जनसंख्या वृद्धि, विभिन्न राष्ट्रों में जनसंख्या में भिन्नता। जनसंख्या विस्फोट- परिवार कल्याण कार्यक्रम। पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य।
इन प्रश्न पत्रों के तहत पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति वस्तुनिष्ठ होती है सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के कुल चार विकल्प दिए होते हैं परंतु इसमें पांच विकल्पों होंगे इन्हीं पांचों में से एक का सही उत्तर चयन करना होगा जिनके लिए समय अवधि 2 घंटे 30 मिनट तथा कुल अंक होंगे 300 अंक जिनमें प्रश्नों की संख्या होगी 150 प्रश्ना होगा।
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साक्षात्कार : अंतिम चरण के रूप में साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है जो कि 75 अंक का होता है इसके लिए किसी भी प्रकार की कोई अहकारी न्यूनतम अंक नहीं होंगे साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किए जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या विज्ञापन में दी गई रिक्त संख्या के लगभग 3 गुना होगी तथा केवल वही अभ्यर्थी जिन्हें आयोग द्वारा लिखित परीक्षा में घोषित किया जाएगा वहीं अभ्यार्थी साक्षात्कार के लिए पात्रता होते हैं।
मेरिट लिस्ट : अंत में आयोग के द्वारा मेरिट सूची का तैयार किया जाता है इनमें लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक और साक्षात्कार में प्राप्त अंक के कुल योग के आधार पर मेरिट सूची जारी की जाती है।
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